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Sunday, November 24, 2013

Movie/Album: गंगा जमुना (1961)
Music By: नौशाद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: हेमंत कुमार

इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के

दुनिया के रंज सहना और कुछ ना मुँह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
इन्साफ की डगर पे...

अपने हों या पराए, सब के लिए हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा, हरगिज़ ना डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं, चलना संभल-संभल के
इन्साफ की डगर पे...

इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन की भेंट देकर, भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
इन्साफ की डगर पे...

नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है

भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है
नन्हें मुन्ने...

भीख में जो मोती मिले लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते-फिरते जीने में मज़ा है
नन्हें मुन्ने...

हमसे न छुपाओ बच्चों हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ
आने वाली दुनिया में सबके सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा
बदलेगा ज़माना ये सितारों पे लिखा है
नन्हें मुन्ने...